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अम्ल (Acid),भस्म या क्षारक (BASE),लवण (SALT) short notes in hindi
अम्ल क्या होता है ?
- एसिड शब्द की उत्पति लैटिन शब्द “एसिडस “ से हुई है ,जिसका अर्थ होता है खट्टा
- ऐसा यौगिक (Compound) जो जल में घुलकर हाइड्रोजन (H+) आयन देता है तथा जो किसी दूसरे पदार्थ को प्रोटान प्रदान करने की क्षमता रखता है, अम्ल (Acid) कहलाता है।
- अम्ल (acid) स्वाद में खट्टे होते है
- अम्ल का जलीय विलयन नीले लिट्मस पेपर (Blue litmus) को लाल कर देता है।
- Trick :- अनिल ( अ+नि+ल ) अ = अम्ल, नि=नीला ,ल = लाल
कुछ प्राकृतिक अम्ल और उसके स्त्रोत
- दैनिक जीवन में खाने के काम में, जैसे
- अंगूर में टार्टरिक अम्ल के रूप में,
- नीबू एवं नारंगी में- साइट्रिक अम्ल
- चींटी के डंक में- फार्मिक अम्ल
- सिरका एवं अचार में- एसीटिक अम्ल
- खट्टे दूध में- लैक्टिक अम्ल
- सेब में- मैलिक अम्ल के रूप में पाया जाता है।
- ऑक्जैलिक अम्ल का प्रयोग कपड़े से जंग के धब्बे हटाने में तथा फोटोग्राफी में किया जाता है।
- H2SO4एवं HNO3का प्रयोग विस्फोटकों, उर्वरकों, दवाओं को बनाने तथा लोहे (fe) को साफ करने में आदि में होता है।
- सोना एवं चाँदी के शुद्धीकरण मेंनाइट्रिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है।
खाना पचाने में HCL अम्ल का प्रयोग होता है। acid
भस्म या क्षारक (BASE) क्या होता है ?
ऐसा यौगिक (Compound) जो अम्ल से प्रतिक्रिया कर लवण एवं जल देता हो, जिसमें प्रोटान ग्रहण करने की प्रवृत्ति हो एवं जल में घुलने से हाइड्रॅक्सिल आयन (OH-) देता हो, भस्म (Bases) कहलाता है।
- यह भस्म (bases) स्वाद में कड़वा होता है
- यह लाल लिट्मस को नीला कर देता है।
कुछ भस्म और उनके स्त्रोत
- दैनिक जीवन मेंकैल्शियम हाइड्राक्साइड [Ca(OH)2] का इस्तेमाल घरों में चूना पोतने में, गारा एवं प्लास्टर बनाने में, मिट्टी की अम्लीयता दूर करने में, ब्लीचिंग पाउण्डर बनाने में, जल को मृदु बनाने में तथा जलने पर मरहम-पट्टी करने में किया जाता है।
- कास्टिक सोडा (NaOH)का साबुन बनाने, पेट्रोलियम साफ करने, कपड़ा एवं कागज बनाने आदि में किया जाता है।
- खाली चूना (CaO)का मकान बनाने में गारा के रूप में, शीशा तथा ब्लीचिंग पाउडर बनाने में किया जाता है।
पेट की अम्लीयता को दूर करने मेंमिल्क ऑफ मैग्नेशिया या मैग्नेशियम हाइड्राक्साइड Mg(OH)2 का प्रयोग होता है।
लवण (SALT) क्या होता है ?
- लवण (Salt) वह यौगिक है, जो अम्ल के एक या अधिक हाइड्रोजन परमाणु का क्षार के एक या अधिक धनायन से प्रति स्थापित करने से बनता है अर्थात अम्ल एवं भस्म की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप लवण (salt) बनता है। इसमें लवण के अलावा जल का भी निर्माण होता है।
- खाने का सोडाया बेकिंग सोडा या सोडियम बाईकार्बोरेट (NaHCO3) का बेकिंग पाउण्डर के रूप में, पेट की अम्लीयता को दूर करने में एवं अग्निनाशक यंत्रों में उपयोग होता है।
- साधारण नमकअर्थात् सोडियम क्लोराइड (NaCl) का खाने में, अचार के परिरक्षण तथा मांस एवं मछली के संरक्षण (Preservation) में उपयोग किया जाता है।
- कास्टिक सोडाया सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) का अपमार्जक का चूर्ण बनाने में उपयोग होता है।
- धोवन सोडाया सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) का उपयोग कपड़े धोने में होता है।
- पोटेशियम नाइट्रेटया शोरा (KNO3) का बारूद बनाने में एवं उर्वरक के रूप में उपयोग होता है। पोटेशियम नाइट्रेट को साल्टपीटर (Saltpetre) भी कहते है।
- कापर सल्फेटका उपयोग विद्युत लेपन में एवं रंगाई व छपाई में होता है।
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pH Scale (पी.एच. स्केल)
किसी विलियन की अम्लीयता या क्षरीयता को व्यक्त करने के लिये pH मापदण्ड या pH स्केल का उपयोग किया जाता है। किसी विलियन में हाइड्रोजन आयानों का सांद्रण के व्युत्क्रम के लघुगणक को उस विलयन का (पी.एच. मान) pH Value कहते है।
किसी विलियन का pH मान 7 से कम होने पर विलयन अम्लीय होता है तथा pH का मान 7 से अधिक होने पर क्षारीय होता है।
जब बारिश के जल का (पी.एच) pH मान 5.6 से कम हो जाता है तो वह ‘अम्लीय वर्षा (Acid Rain)‘ कहलाती है।
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