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Financial Institutions in India | भारत में वित्तीय संस्थान
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) | National Bank for Agriculture and Rural Development (NABARD)
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) मुम्बई, महाराष्ट्र अवस्थित भारत का एक शीर्ष बैंक है। इसे “कृषि ऋण से जुड़े क्षेत्रों में, योजना और परिचालन के नीति गत मामलों में तथा भारत के ग्रामीण अंचल की अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए मान्यता प्रदान की गयी है।Financial Institutions in India
- शिवरामन समिति (शिवरामनकमिटी) की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम 1981 को लागू करने के लिए संसद के एक अधिनियम के द्वारा 12 जुलाई 1982, को नाबार्ड की स्थापना की गयी। Financial Institutions in India
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) Small Industries Development Bank of India (SIDBI)
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक या सिडबी (Small Industries Development Bank of India) भारतकी स्वतंत्र वित्तीय संस्था है जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की वृद्धि एवं विकास के लक्ष्य से स्थापित कि या गया है। यह लघु उद्योग क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्त पोषण और विकास तथा इसी तरह की गति विधियों में लगी अन्य संस्थाओं के कार्यां में समन्वयन के लिए प्रमुख विकास वित्तीय संस्था है।
- सिडबी की स्थापना 2 अप्रैल 1990 को हुई।Financial Institutions in India
- इसकी स्थापना संबंधी अधिकार-पत्र भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक अधिनियम, 1989 में सिडबी की परिकल्पना लघु उद्योग क्षेत्र के उद्योगों के संवर्द्धन, वित्तपोषण, विकास और लघु उद्योग क्षेत्र के उद्योगों को संवर्द्धन व वित्तपोषण अथवा विकास में लगी संस्थाओं के कार्यों में समन्वय करने और इसके लिए प्रासंगिक मामलों के लिए प्रमुख वित्तीय संस्था के रूप में की गई है।Financial Institutions in India
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India)
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है । इसकी स्थापना सेबी अधिनियम 1992 के तहत 12 अप्रैल 1992 में हुई।Financial Institutions in India
- इसकी स्थापना आधिकारिक तौर पर वर्ष 1988 में भारत सरकार द्वारा की गई और भारतीय संसद द्वारा पारित सेबी अधिनियम, 1992 के साथ 1992 में इसे वैधानिक अधिकार दिया गया था।
- सेबी का मुख्यालय मुंबई में बांद्राकुर्ला परिसर के व्यावसायिक जिले में हैं और क्रमश: नईदिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी व पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
- सेबी के अस्तित्व में आने से पहले पूंजी निर्गम नियंत्रक नियामक प्राधिकरण था, जिसे पूंजी मुद्दे (नियंत्रण) अधिनियम, 1947 के अंतर्गत अधिकार प्राप्त थे।
राष्ट्रीय आवास बैंक ( National Housing Bank)
राष्ट्रीय आवास बैंक भारत में आवासीय वित्त के लिये सर्वोच्च संस्था है। इस की स्थापना 9 जुलाई 1988 को संसद के एक अधिनियम अर्थात्राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 के अधीन की गई थी जिसका उद्देश्य आवास वित्त संस्थानों के उन्नयन के लिए एक प्रधान एजेंसी के रूप में कार्य करने एवं ऐसे संस्थानों को वित्तीय एवं अन्य सहायता प्रदान करना था। अधिनियम, अन्य बातों के साथ-साथ राष्ट्रीय आवास बैंक को निम्नलिखित के लिए प्राधिकृत करता है:-Financial Institutions in India
- आवास वित्त संस्थानों की सुद्रढ़वित्तीय आधार पर वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए उन्हें निर्देश जारी करना ;
- अनुसूचित बैंकों ,आवास वित्त संस्थानों अथवा केन्द्रीय, राज्य अथवा प्रांतीय अधिनियम के अन्तर्गत किसी प्राधिकरण जो गंदी बस्ती पुनर्विकास के कार्य में लगे है, को ऋण एवं अग्रिम प्रदान करना Financial Institutions in India
- आवासकेउद्देश्यसेसंसाधनजुटानाएवंआवासहेतुऋणप्रदानकरनेकेलिएयोजनाएंतैयारकरना।Financial Institutions in India
भारतीय निर्यात –आयात बैंक (Exim Bank):
आयात – निर्यात बैंक को सन 1982 में भारतीय आयात –निर्यात बैंक अधिनियम 1981 के अंतर्गत भारत के निर्यात को बढ़ावा देने वाली विकास बैंक के रूपों में स्थापित किया गया था। यह देश की प्रमुख निर्यात वित्त संस्था है। भारत सरकार ने इस संस्था की स्थापना मात्र भारत से निर्यात को बढ़ाने के उद्देश्य के लिए ही नहीं की थी, परन्तु भारत के विदेश व्यापार एवं निवेश द्वारा सम्पूर्ण आर्थिक विकास में गति लाने हेतु की थी।
- बैंक का मुख्य उद्देश्य आयात कों एवं निर्यात कों वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है एवं यह देश के विदेश व्यापार को बढ़ाने हेतु कार्य करने वाली संस्थाओं, जो माल एवं सेवाओं के आयात एवं निर्यात के लिए वित्त उपलब्ध कराती हैं, के कार्य करने के तरीकों के समन्वय करने के लिए प्रमुख वित्तीय संस्थान है।
- एक्सिम बैंक का प्रधान कार्यालय मुंबई में स्थित है एवं इसके भारत एवं विदेशों में 17 कार्यालयों का समूह कार्यरत है।
भारतीय औद्योगिक विकास बैंक
भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) का गठन भारतीय औद्योगिक विकास बैंक अधिनियम 1964 के तहत एक वित्तीय संस्था के रूप में हुआ था और यह भारत सरकार द्वारा जारी 22 जून 1964 की अधिसूचना के द्वारा 01 जुलाई 1964 से अस्तित्व में आया।
- इसे कंपनी अधिनियम ,1956 की धारा 4 एके प्रावधानों के अंतर्गत एक सार्वजनिक वित्तीय संस्था का दर्ज़ा प्राप्त हुआ ।सन्2004 तकयानी, 40 वर्षों तक इस ने वित्तीय संस्था के रूप में कार्य किया और 2004 में इसका रूपांतरण एक बैंक के रूप में हो गया।
- आवश्यकता महसूस होने और वाणिज्यिक विवेक के आधार पर आडीबीआई को बैंक के रूप में रूपांतरित करने का निर्णय लिया गया। इसके लिये भारतीय औद्योगिक विकास बैंक अधिनियम, 1964 को निरस्त करते हुए इंडस्ट्रियल डेवल पमेंट बैंक ऑफ इंडिया (उपक्रम का अंतरणव निरसन) अधिनियम, 2003 (निरसन अधिनियम) पारित किया गया। निरसन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, कंपनी अधिनियम के अधीन 27 सितंबर 2004 को इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड (आईडीबीआईलि.) के नाम से एक नई कंपनी सरकारी कंपनी के रूप में निगमित हुई। तत्पश्चात प्रभावी तारीख 01 अक्तूबर 2004 से आईडीबीआई का उपक्रम आईडीबीआई लि. में अंतरित वनिहित कर दिया गया। निरसन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, आईडीबीआई लि. वित्तीय संस्था की अपने पूर्ववर्ती भूमिका के अतिरिक्त बैंक के रूप में कार्य कर रहा है।
- बैंक की इन ऑर्गेनिक वृद्धि के लक्ष्य को पाने के प्रयासों में और तेजी लाने के उद्देश्य से बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 44 ए के प्रावधानों के तहत, जिसमें दो बैंकिंग कंपनियों के स्वैच्छिक समामेलन का प्रावधान है, आईडीबीआई लि. की पूर्ण स्वामित्व वाली संस्था आईडीबीआई बैंक लि. का आईडीबीआई लि. में समामेलन कर लिया गया । यह विलय 02 अप्रैल 2005 से प्रभावी हो गया।
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