(Revolt of 1857) 1857 का विद्रोह भारतीय इतिहास की एक प्रमुख घटना है, अंग्रेज इतिहासकारों के अनुसार यह एक “सिपाही विद्रोह” था। यह प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भी था| Revolt of 1857
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1857 का विद्रोह के कारण (Causes of Revolt of 1857)
राजनीतिक:- Revolt of 1857 का राजनीतिक कारण में लॉर्ड डलहौजी के दौरान यह समस्या उत्पन्न हुई जिसे अनेक राज्यों को हड़प लिया और भारतीय राज्यों को हड़पने में व्यपगत का सिद्धांत उसका सबसे शक्तिशाली हथियार था। व्यपगत का सिद्धांत के अनुसार यदि किसी राज्य के शासक के पास सगा उतराधिकार नहीं हैं तो वह राज्य ब्रिटिश राज्य में मिला लिया जायगा ।
आर्थिक :- Revolt of 1857 का आर्थिक कारण में ब्रिटिश राज की आर्थिक नीति ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था। किसानों ने उच्च शृण दर, भारत में जमीनी हकीकत को समझे बिना नई भूमि कर व्यवस्था लागू करना, बलपूर्वक निष्कासन, और कर वसूलने के क्रूर तरीके से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई।
सामाजिक धार्मिक:- Revolt of 1857 का सामाजिक धार्मिक कारण में अंग्रेजों द्वारा भारतीयों से नस्लीय भेदभाव, बलपूर्वक ईसाई बनाना और सामाजिक सुधार जैसे 1829 में सती प्रथा की समाप्ति,1856 मैं विधवा विवाह को कानूनी मान्यता आदि से भारतीय समाज के रूढ़िवादी तत्वों में अपमानित महसूस किया ।
सैन्य:- अंग्रेजों ने भारतीय सैनिक से भेदभाव करते थे और सेवा शर्तों एवं पदोन्नति मैं इस के बहिष्कार की नीति अपनाई जिससे कुछ और प्रमुख पद यूरोपियों के लिए आरक्षित हो गए थे।
तत्कालीन कारण:- एनफील्ड राइफल का प्रयोग जिसके कारतूस के खोलें में गाय और शुगर की चर्बी का प्रयोग हुई थी, विद्रोह को भड़काने वाला कारण बन गया जिसमें हिंदू और मुस्लिम सिपाहियों दोनों को नाराज कर दिया जिससे तुरंत विद्रोह को जन्म दिया।
1857 का विद्रोह घटनाक्रम (Events of the Revolt of 1857) :-
29 मार्च 1857 को 34 नेटिव इंफेंटी के एक भारतीय सिपाही मंगल पांडे ने दो ब्रिटिश पदाधिकारी – वाघ तथा मेजर सर्जेट को परेड के दौरान बैरकपुर ( कोलकाता) ने गोली मार दी
वास्तव में तीसरी नेटिव इंफेंटी द्वारा 10 मई 1857 को मेरठ से शुरू हुआ चर्बी वाले कारतूस के प्रयोग से मना करने पर कुछ सिपाहियों को सजा सुनाई गई थी जिससे नाराज कहीं सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया, सिपाही, नागरिकों के अन्य समूह के साथ ” मारो फिरंगीओ को” कहते हुए आगे बढ़े उन्होंने जिलों को तोड़ दिया, यूरोपियों की हत्या कर दी और उसके घरों में आग लगा दी और सूर्योदय के बाद दिल्ली की ओर आगे बढ़ने लगा।
अगली सुबह 11 मई दिल्ली में मार्च करते आते हुए सिपाहियों का दिखना दिल्ली के स्थानीय सिपाहियों के लिए एक संकेत था। उन्होंने भी विद्रोह कर दिया।
बहादुर शाह जफर को ” शहंशाह-ए- हिंदुस्तान ( भारत का सम्राट) घोषित कर दिया। विद्रोह के दौरान अंग्रेजों के सहयोगी में सिंघिया, हैदराबाद का निजाम, भोपाल की बेगम शामिल थी।
1857 के विद्रोह के प्रभाव:-
विद्रोह का सबसे बड़ा प्रभाव भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासक की समाप्ति थी। भारत सरकार अधिनियम 1858 द्वारा, ब्रिटिश सरकार ने भारत का शासन अपने हाथों में ले लिया, ब्रिटिश सरकार की एक मंत्री जिसे भारत राज सचिव कहा जाता था उसे भारत में शासन के लिए जिम्मेदार बनाया गया।
भारत में ब्रिटिश गवर्नर जनरल को अब वायसराय कहा जाने लगा।
भारत में 1857 के विद्रोह के प्रमुख के कारण
मंगल पांडे :- मंगल पांडे 1849 में 22 वर्ष की आयु में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में भर्ती हुआ था। वह 34 वीं बंगाल नेटिव इन्फ़ौट्री में था और आक्रमण करने के लिए जाना जाता था, इस घटना को 1857 सिपाही विद्रोह या प्रथम स्वतंत्रता युद्ध का शुरुआत हुआ है।
नाना साहेब :- कानपुर में विद्रोह के नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहेब ने किया
रानी लक्ष्मीबाई:- रानी लक्ष्मीबाई का विवाद झांसी के राजा गंगाधर राव नेवलकर से 1842 में हुआ था और वह झांसी की रानी बनी अपने विवाह के बाद उन्होंने 1851 में एक पुत्र दामोदर राव को जन्म दिया।
तात्या टोपे :- तात्या टोपे नाना साहब की करीबी सहायक और सेनापति थे। 1857 मैं कानपुर की घेराबंदी के दौरान नाना साहेब की सेनाओं ने ब्रिटिश मोर्चा पर जून1857 में आक्रमण कर दिया।
वीर कुंवर सिंह:- ये जगदीशपुर (वर्तमान में भोजपुर जिला, बिहार) के राजा थे और इस विद्रोह के प्रमुख भारतीय नेता थे
शाहमल :- राम और उत्तर प्रदेश के बड़ौत परगना के एक बड़े गांव में रहता था, इसमें 84 देश के प्रधानों और किसानों को इकट्ठा कर, रात में गांव से गांव तक जाकर, अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह करने के लिए लोगों को समझाया।
मौलवी अहमदुल्लाह शाह:- यह उन मौलवी में से एक था जिन्होंने 1857 के विद्रोह में प्रमुख भूमिका निभाई थी हैदराबाद में शिक्षित वह युवा अवस्था में ही मुस्लिम धर्म पर प्रदेशक बना,1856 मैं उन्होंने गांव गांव घूमकर अंग्रेजो के खिलाफ जिहाद का उपदेश दिया और विद्रोह करने को कहा। 1856 में जब वह लखनऊ पहुंचा तो उसे पुलिस द्वारा शहर में उपदेश देने से रोक दिया गया। बाद में 1857 में इसे फैजाबाद में जेल में डाल दिया गया।
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1.1857 का विद्रोह कहाँ से प्रारंभ हुआ ?
मेरठ के शहर में 10 मई 1857 को विद्रोह शुरू हुआ था
2. 1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण था
चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग आरंभ करना
3. वह पहला भारतीय सिपाही कौन था,जिसने चर्बी वाले कारतूस का प्रयोग करने से इंकार कर दिया
मंगल पाण्डे
4. मंगल पाण्डे जिसने अकेले 1857 ई॰ में विद्रोह का सूत्रपात किया,संबंधित था ?
34 वीं नेटिव इन्फ्रट्री से
5. बेगम हजरत महल ने 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किस शहर से किया था ?
लखनऊ
6. 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर जनरल कौन था ?
लार्ड कैनिंग
7. वर्ष 1857 के विद्रोह में किसने सबसे पहले अपना बलिदान दिया ?
मंगल पाण्डे
8. 1857 के विद्रोह में कानपुर में सैनिकों का नेतृत्व किसने किया था ?
तात्या टोपे
9. 1857 के विद्रोह की शक्ति का सबसे महतपुर्ण तत्व कौन-सा था ?
हिन्दू मुस्लिम एकता
10. रानी लक्ष्मीबाई का मूल नाम क्या था ?
मानिकर्णिका
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